मानवता के tamers और breeders Titelbild

मानवता के tamers और breeders

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Über diesen Titel

1.       दार्शनिक को अच्छे और बुरे से परे ही खड़ा होना चाहिए, a philosopher must take his stand beyond good and evil. मेरा ये आग्रह है की हम जिसको नैतिकता कहते हैं उसका सही और गलत, अच्छे या बुरे से कोई ज्यादा लेना देना नहीं. मैं नैतिकता को group norms, community values, हमारे सामाजिक preferences के रूप में समझता हूं. नैतिकता को संस्कृति या संस्कार के रूप में समझना ज्यादा लाभप्रद लगता है. किसी समुदाय या राष्ट्र की नैतिकता सही गलत से अधिक हमको उसको preferences, choices, मूल्यों और उसूलों के बारे में बतलाती है.  नैतिकता को सही गलत से जोड़ना एक गलतफहमी है, लेकिन ये गलतफहमी ज़रूरी भी है; ये गलतफहमी ही तो नैतिकता में आस्था का आधार है. हमें लगता है की हम अच्छे और सही के साथ हैं तभी तो हम अपने नैतिक मूल्यों में श्रद्धा रखते हैं. किसी समाज से ये पूछना की वह अपने सही और गलत के माप दंड कैसे तय करता है व्यर्थ है. क्योंकि जो कारण बताए जाते हैं, अकसर उनका असली कारणों से कोई मेल नहीं होता. Morality के कारण ढूंढना व्यर्थ है. उसे तो संस्कृति, जीवन शैली की अभिव्यक्ति के रूप में देखा जाना चाहिए. कुछ अपने आप में गलत नहीं होता, संस्कृतियों की दृष्टि से सही गलत तय होता है. 2.       आइये अब देखते हैं की नैतिकता कैसे काम करती है.  इसके कार्य करने की दो प्रकार की शैलियों का अभी जिक्र करूँगा- एक तरफ Christian नैतिकता है जो मानव के tamer/आदमी को पालतू बनाने की मुहिम है. वहीं भारत की मनुवादी नैतिकता चार अलग-अलग नस्लों के मानव breed करने की व्यवस्था है. Taming और breeding जैसे शब्द सुनकर शायद आपको बुरा लगे. क्या कोई मानवों के लिए ऐसे भोंडे शब्दों का इस्तेमाल करता है? लेकिन जो है सो है. मध्य युगीन चर्च मानव को tame करने की ही मुहिम थी. हालांकि वे इसे सुधारना कहते रहे. इनके अनुसार मानव पापी पैदा होते हैं, इसलिए उनको christian नैतिकता द्वारा tame करने की ज़रूरत है. मैं पूछता हूं की जब हम किसी जंगली घोड़े को पकड़ कर अपना पालतू बनाते हैं तो उसके जीवन पर कैसा प्रभाव पड़ता है? एक जंगली पशु के पालतू बनाये जाने को सुधार कहने की बात सुनकर हंसी नहीं आती? Circus में जानवर कैसे सुधारे जाते हैं? पालतू बनाने के लिए जानवर को कमज़ोर किया जाता है, निरीह बनाया जाता है. कभी भय से, कभी पीढ़ा और चोट से, कभी घायल कर, कभी भूख से उसकी लड़ने और प्रतिरोध करने की शक्ति को तोड़ा जाता है. पालतू बनना एक type की permanent बीमारी से ...
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