आत्मा की अमरता: सांख्य योग सिद्धांत | कृष्णवाणी पॉडकास्ट शो Titelbild

आत्मा की अमरता: सांख्य योग सिद्धांत | कृष्णवाणी पॉडकास्ट शो

आत्मा की अमरता: सांख्य योग सिद्धांत | कृष्णवाणी पॉडकास्ट शो

Jetzt kostenlos hören, ohne Abo

Details anzeigen
ZEITLICH BEGRENZTES ANGEBOT. Nur 0,99 € pro Monat für die ersten 3 Monate. 3 Monate für 0,99 €/Monat, danach 9,95 €/Monat. Bedingungen gelten. Jetzt starten.

Über diesen Titel

इस कड़ी में हम गीता के दूसरे अध्याय — सांख्य योग — से प्रेरित होकर आत्मा और शरीर के शाश्वत सत्य को समझने का प्रयास करते हैं।

भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया कि शरीर नश्वर है, परंतु आत्मा अमर है।

यह शरीर केवल एक वस्त्र की भाँति है — जो पुराना होने पर बदला जाता है —

पर आत्मा कभी नष्ट नहीं होती।

यह ज्ञान न केवल अर्जुन के मोह और विषाद को दूर करता है,

बल्कि हमें भी यह सिखाता है कि जीवन के दुख, भय और मृत्यु की चिंता से ऊपर उठकर

हम अपने कर्तव्य (Dharma) और आत्मज्ञान (Self-awareness) की दिशा में बढ़ें।

️ यह एपिसोड आधुनिक जीवन में मानसिक शांति, संतुलन और आत्मविश्वास के लिए गीता के अनंत संदेश को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है।

️ सुनिए —

“आत्मा की अमरता: सांख्य योग सिद्धांत”

केवल कृष्णवाणी पॉडकास्ट शो में।

#कृष्णवाणी #BhagavadGita #SankhyaYoga #आत्माकाअमरत्व #SpiritualWisdom #GitaPodcast #KrishnaVani #IndianPhilosophy #SpiritualPodcast #SanatanDharma #KrishnaTeachings #GeetaKaGyaan #DharmaAndKarma #SoulAndBody #MentalPeace

इस चर्चा के आधार को विस्तार से समझने के लिये आप यह सुन सकते हैं- ⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠"अध्यात्मिक प्रबोधन: गीता के 18 योग" (Auidiobook)⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠ (https://play.google.com/store/audiobooks/series?id=QGNKHAAAABgLdM) इसे पढ़ना चाहे तो आप इस सीरिज के ईपुस्तकें पढ़ सकते हैं-⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠"आध्यात्मिक प्रबोधन: गीता के 18 योग"⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠ (https://play.google.com/store/books/series?id=iDZKHAAAABDDKM) "अगर आपको मेरा यह प्रयास पसंद आ रहा है तो मुझे सपोर्ट करें, आपका सहयोग मेरी रचनात्मकता को नया आयाम देगा।'' मुझे सपोर्ट करने के लिए यहाँ क्लिक करें • ⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠Support via BMC⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠ (https://buymeacoffee.com/ramesh.chauhan) • ⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠UPI से सपोर्ट (https://buymeacoffee.com/ramesh.chauhan/upi-3951629)

Noch keine Rezensionen vorhanden