
Acknloledgement and Gratitude
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Über diesen Titel
कृतज्ञता और श्रद्धांजलि
उन निडर रक्षकों को समर्पित, जो रात-दिन हमारी सुरक्षा में तैनात हैं।
जब मैं यह लिख रहा हूँ, तो मन में अत्यंत विनम्रता और गर्व है—उन वीर सपूतों के लिए जो अपने जीवन को राष्ट्र की रक्षा में समर्पित कर चुके हैं। यह किताब केवल एक काल्पनिक कहानी नहीं, बल्कि भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों को समर्पित मेरी विनम्र श्रद्धांजलि है—वे जो खामोशी से लड़ते हैं, गुमनाम रहते हैं और देश को सुरक्षित रखने का व्रत निभाते हैं।
भारतीय सेना को:
कारगिल की चोटियों से लेकर पूर्वोत्तर के जंगलों तक, आप हर मोर्चे पर अडिग खड़े हैं। आप सिर्फ सैनिक नहीं हैं, बल्कि हमारे सपनों के रक्षक हैं। हम अपने परिवारों के साथ चैन से सो पाते हैं क्योंकि आप हड्डियाँ गलाती सर्दी, झुलसाती गर्मी और एकांत चौकियों में जागते रहते हैं।
आपकी वीरता सिर्फ युद्धभूमि में नहीं, बल्कि बर्फीले तूफानों में राशन पहुँचाते समय, घायल साथी को सहारा देते समय, और थकान के बावजूद हौसला बनाए रखने में भी झलकती है।
हमारी खुफिया एजेंसियों को:
जब सेना शक्ति से रक्षा करती है, आप बुद्धिमत्ता और दूरदृष्टि से सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। RAW और IB जैसे संगठनों के अधिकारी गुमनाम रहकर आतंक के षड्यंत्रों को रोकते हैं, दुश्मनों की चालें पकड़ते हैं और राष्ट्र की सीमाओं से परे अपने प्राणों को जोखिम में डालते हैं।
आपका कार्य छाया में होता है, लेकिन उसका असर पूरे देश की सुरक्षा पर पड़ता है। आपकी बुद्धिमत्ता और साहस से हम हर रोज़ एक सुरक्षित जीवन जीते हैं।
उन परिवारों को:
आप भी उतने ही वीर हैं। आपने अपनों को देश के लिए समर्पित किया। आपके आँसू, आपकी प्रतीक्षा, आपका धैर्य—इन सबने हमारे रक्षकों को और अधिक सशक्त बनाया।
यह किताब आपके लिए है:
इस कहानी में हर संघर्ष, हर विजय उन वीरों से प्रेरित है जो असंभव हालात में भी हार नहीं मानते। यह कल्पना जरूर है, लेकिन इसके हर पन्ने में आपके साहस की झलक है।
आपकी कहानियाँ हमें बेहतर नागरिक बनना सिखाती हैं।
और यही सबसे बड़ी प्रेरणा है।
जय हिंद।