भारत नेपाल के किस्से (भाग - 1) Titelbild

भारत नेपाल के किस्से (भाग - 1)

भारत नेपाल के किस्से (भाग - 1)

Jetzt kostenlos hören, ohne Abo

Details anzeigen

Über diesen Titel

भुवन सिंह, उम्र 12 वर्ष। चुलबुला, शरारती भुवन अपने परिवार के साथ उत्तराखंड के ‘बनबासा’ नाम के एक छोटे से शहर में रहता है। भुवन का यह शहर भारत-नेपाल का बॉर्डर है और इन दोनों करीबी देशों को एक-दूसरे से जोड़ता है।

वैसे भुवन की बात करे तो वह आधा भारतीय और आधा नेपाली है। भुवन के दादा उत्तरकाशी के हैं तो दादी काठमांडू की और तो और भुवन की मम्मी भी खुद नेपाल से हैं।

भारत में कई वर्षों से नेपाली मिल-जुल कर रह रहे हैं। भारतीय और नेपालियों की शादी कोई बड़ी बात नहीं है। भुवन के दादा और अब पापा दोनों ही आर्मी में हैं इसलिए उसको हमेशा कोई न कोई किस्से ज़रूर सुनने को मिल जाते थे। कभी पाकिस्तान तो कभी चीन। लेकिन पहली दफ़ा भुवन को नेपाल के बारे में पूछना था।

“दादाजी, नेपाल और इंडिया तो हमेशा से दोस्त थे न?”

“हां बेटा”– दादाजी ने जवाब दिया।

“लेकिन अभी लड़ाई क्यों कर रहे हैं? मैंने न्यूज़ में देखा और  बाहर बाज़ार में भी एक जगह सुना कि कुछ दिक्कतें हो गई हैं। आप बताइए न ये क्यों हो रहा है?”

...........

Noch keine Rezensionen vorhanden